Sunday, September 27, 2009

विशेष बच्चें ने मनाया दशहरा


यह ब्लॉग अक्षम बच्चों के संघर्ष को समर्पित है
विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं से जूझ रहे बच्चों को भी त्योहार का आनंद प्रदान करने के लिए शुक्रवार को सेक्टर—36 स्थित सोरेम इंस्टीट्यूट में दशहरा मनाया गया। कार्यक्रम में शामिल विशेष बच्चों और उनके अभिभावकों ने आपस में बातचीत कर विभिन्न समस्याओं का समाधान ढूंढऩे का भी प्रयास किया। इस मौके पर मोहाली दशहरा कमेटी के सहयोग से रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए। सोरेम की सचिव प्रोमिला चंद्रमोहन ने बताया कि दशहरा के उपलक्ष्य पर बच्चों को त्योहार की खुशियां प्रदान करने का यह हमारा छोटा सा प्रयास है। आतिशबाजी की बच्चों ने भी इस आयोजन का भरपूर आनंद लिया। इस मौके पर शानदार आतिशबाजी भी की गई।

Monday, September 21, 2009

नवरात्र की शुभकामना

नन्हे पंखों को नवरात्र की ढेर सारी शुभकामना। ईश्वर करे उनकी हर मनोकामना पूरी हो। माता रानी की चौखट तक अगर मेरी आवाज पहुंचे तो मैं उनसे विनती करता हूं कि सभी अक्षम बच्चों को स्वस्थ कर दें। सभी ब्लॉगर भाइयों को भी नवरात्र की ढेर सारी शुभकामना। कामना है, उनकी हर मनोकामना पूरी हो।

Friday, September 4, 2009

दूर तक छलेगा यह उजाला, अंधेरे साजिश करेंगे

आधुनिकता के इस षडयंत्र के साथ नीचे पढ़ें नन्हे पंखों का दर्द।

थर्मल पॉवर के रैडिएशन से बच्चे हो रहे विकलांग


यह उजाला एक भ्रम है, एक छलावा है। इस उजाले के पीछे एक विशाल अंधेरी खाई है। 2010 तक पंजाब को रोशनी से नहला देने की जुगत में लगी पंजाब सरकार इस सत्य को स्वीकार करना नहीं चाहती की थर्मल प्लांट से निकलने वाले रैडिएशन से बच्चों का मानसिक विकास बाधित हो रहा है। फरीदकोट में सेरिब्रल पाल्सी के बच्चों के बाल में पाया जाने वाला यूरेनियम का भटिंडा के थर्मल पॉवर प्लांट से निकलने वाले धुएं और रैडिएशन से गहरा नाता है। मालवा में बच्चों की स्थिति और भी दयनीय है। यहां लगातार लोगों में कैंसर की शिकायतें आ रही हैं, बर्थ डिफेक्ट्स और साथ ही शारीरिक व मानसिक विकलांगता सामने आ रही है। मास्को की न्यूक्लीयर रिसर्च करने वाला अग्रणी संस्था आरआरसी कुर्चाटोव इंस्टीट्यूट ने पिछले महीने प्रकाशित अपने एक लेख में कहा था कि कोल बेस्ड पॉवर स्टेशन के आसपास के इलाके में रहने वाले रैडिएशन के कुप्रभाव से बच नहीं सकते और इस कारण उन्हें गंभीर स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पेश आती हैं। इससे नवजात बच्चों के मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग होने का खतरा रहता है। भटिंडा, फरीदकोट और मालवा सहित आसपास के इलाकों में लगातार मंदबुद्धि (मेंटली चायलेंज्ड) बच्चे पैदा हो रहे हैं। इन सबको नजरंदाज करते हुए गिद्दरबाहा, राजपुरा और तलवंडी साबो में नये थर्मल पावर प्लांट लगाने की तैयारी हो रही है। यह गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे उजाले का कोई मतलब नहीं है जिसके पीछे अंधेरे का विशाल साम्राज्य हो। अंधेरे की इस साजिश में कई नन्हे पंखों की उड़ान को ग्रहण लग जाएगा। पंजाब सरकार को इसपर संजीदगी से विचार करना चाहिए। जब आने वाली पीढ़ी ही अपंग पैदा होगी तो रोशनी से नहाए शहर और गांवों का होना बेमानी हैं।