माँ ने कहा : नन्हें पंखों कुछ बोलो।
सुना है तुम चाँद से बातें करते हो, चांदनी संग मुस्कुराते हो
/सूरज के साथ जागते खेलते हो फिर हमारे साथ बात क्यों नही करते। एसी तमाम माँ के इंतजार को मै सलाम करता हूँ। इनके उम्मीद का आँचल खुशिओं से भर जाए।
Sunday, February 1, 2009
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3 comments:
ईश्वर करें ऐसा ही हो.
सही है....
प्रभु से प्रार्थना में हमें भी शामिल मानें.
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