Friday, July 24, 2009

जिंदगी की तलाश में

यह ब्लॉग अक्षम बच्चों के संघर्ष को समर्पित है।

जिंदगी में कुछ नही था कुछ के सिबा

जो कुछ था वो कुछ के लिए था और

कुछ के लिए था सबकुछ और

कुछ की तलाश में जो कुछ थे वो

जिंदगी भर ढूंढते रहे कुछ-कुछ

1 comment:

रज़िया "राज़" said...

आपके इस ब्लोग को मेरा शत शत प्रणाम। मैं अपने अस्पताल में ऐसे लोगों को देखती हुं। महसूस करती हुं जिसके लिये आपका यह ब्लोग बना है। आगे और भी अपनी संवेदनाएं लिखती रहुंगी। आपके ब्लोग की बडी 'फ़ेन"
रज़िया