Tuesday, July 7, 2009

इन्हें तो रोज सलाखों से दागो

आज इंडियन एक्सप्रेस पढ़ रहा था कि अचानक एक खबर ने मेरा ध्यान अपनी ओर खींच लिया। शर्षक था, 'बोथ अक्यूज्ड रेप्ड विक्टिम, मोर दैन वन्स : एडमिनिस्ट्रेशन काउंसिलÓ हेडिंग के बाद खबर पढ़ी तो घटना की गंभीरता का पता चला। घटना चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित नारी निकेतन की है जहां काम करने वाले दो लोगों ने एक 19 वर्षीय मेंटली रिटार्डेड लड़की के साथ कई-कई बार बलात्कार किया। बलात्कार करने वालों में एक भूपेंद्र सिंह जबकि दूसरा 52 वर्षीय जमना कुमार(गार्ड नारी निकेतन) है। इन दोनों के खिलाफ केस दर्ज करने वाले यूटी एडमिनिस्ट्रेशन के वरिष्ठï वकील अनुपम गुप्ता का कहना है कि दोनों अभियुक्तों ने उससे पहले तो नारी निकेतन में बलात्कार किया और फिर बाद में जब उसे सेक्टर 32 के मेंटली रिटार्डेड इंस्टीट्ïयूशन में भेज दिया गया तो ये दोनों वहां जाकर भी बाथरूम में उसके साथ जबर्दस्ती की। पिलहाल वह गर्भवती है और पीजीआई साइकैट्रिस्ट डिपार्टमेंट के प्रोफेसर अजीत अवस्थी का कहना है कि उसे पता है कि उसके पेट में बच्चा है और वह उसे खोना नहीं चाहती है। यह घटना समाज की उस मानसिकता को उजागर करता है जिसे सख्ती से रोके जाने की जरूरत है। ऐसे संस्थानों में ऐसे बच्चों को लेकर अति संवेदनशील लोगों को ही रखा जाना चाहिए। हां एक बात और है लड़कियों के संस्थान में जूडो या अन्य मार्शल आर्ट से प्रशिक्षित लड़कियों को ही रखा जाना चाहिए। लड़कों के संस्थान में लड़कों को। हां जहां तक पकड़े गए भूपेन्द्र और जमना की बात है तो इन्हें ताउम्र जेल के एक सेल में बंद कर देने की सजा दी जानी चाहिए और हर रोज गर्म सलाखों से पूरे अंग को दागा जाना चाहिए एवं जेल में ही इनकी मौत के बाद लाश को लावारिस कहीं फेंक दिया जाना चाहिए।

2 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

निन्दनीय!
ऐसे लोगों को देश निकाला देना चाहिए।
अस्थाना जी!
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