Monday, May 10, 2010

कहने को सारा जहान अपना

इस दुनिया में पैसा को सबकुछ मानने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है और आदमी को सबकुछ मानने वालों की संख्या कमइस जहान में आदमी को आदमी का साथ चाहिए। पैसा तो हम कहीं से लोन भी ले सकते हैं, आदमी कहां से लोन लें? लोगों के दिए भरोसे पर सोचते हुए जो ख्याल आया वो है.. .. .. .. .. ..
कहने को सारा जहान अपना था,
जब मांगा तो सब हवा हुए,
सब सपना था।।
कहने को सारा जहान अपना था।
ये जीवन माटी-ढेला सब,
बस राम नाम ही जपना था
सब सपना था।
सब कह के गए थे आएंगे,
जीवन भर साथ निभाएंगे,
हम राह तके और थके-थके,
हिस्से जो मिला तड़पना था,
सब सपना था।