हौसला न छोड़ कर सामना जहान का
वो बदल रहा है देख रंग आसमान का
हौसला नामुमकिन को भी मुमकिन कर देता है। जो हौसलों के आगे हथियार डाल देते हैं परिस्थितियां उनको और दबाती हैं। बेहतर है विपरीत विरस्थितियों से लडऩा और खुद को साबित करना। मुमकिन है लडऩे वालों को कुछ भी न मिले पर कमसे कम यह गर्व तो होगा कि हम लड़े। और लडऩे वालों को भगवान क्यों नहीं देगा?, उसे देना होगा। चांद को थोड़ी सी ही सही चांदनी, सूरज को अपने तेज का आंशिक हिस्सा देना ही होगा। जिन लोगों ने साबित किया है उन विकलांग लोगों की अदभूत कला ने लोगों को दांतों तले उंगली दबा लेने पर मजबूर कर दिया। तस्वीर क्या कहती है पढ़ें नीचे। जॉर्डन के अम्मान में 'चाइना डिसेबल्ड पीपुल्स परफॉर्मिंग आर्ट ट्रूपÓ (सीडीपीपीएटी) के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत बेहतरीन कला का प्रदर्शन। इस डांस गु्रप के सभी सदस्य बधिर हैं। इस नृत्य को 'सहस्रबाहूÓ भी कहा जाता है। इस डांस ग्रुप में कुल 104 कलाकार हैं, जो किसी न किसी रूप से विकलांग हैं। शो में कलाकारों ने गीत, संगीत, नाटक और नृत्य से ऐसा समां बांधा कि लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
वो बदल रहा है देख रंग आसमान का
हौसला नामुमकिन को भी मुमकिन कर देता है। जो हौसलों के आगे हथियार डाल देते हैं परिस्थितियां उनको और दबाती हैं। बेहतर है विपरीत विरस्थितियों से लडऩा और खुद को साबित करना। मुमकिन है लडऩे वालों को कुछ भी न मिले पर कमसे कम यह गर्व तो होगा कि हम लड़े। और लडऩे वालों को भगवान क्यों नहीं देगा?, उसे देना होगा। चांद को थोड़ी सी ही सही चांदनी, सूरज को अपने तेज का आंशिक हिस्सा देना ही होगा। जिन लोगों ने साबित किया है उन विकलांग लोगों की अदभूत कला ने लोगों को दांतों तले उंगली दबा लेने पर मजबूर कर दिया। तस्वीर क्या कहती है पढ़ें नीचे। जॉर्डन के अम्मान में 'चाइना डिसेबल्ड पीपुल्स परफॉर्मिंग आर्ट ट्रूपÓ (सीडीपीपीएटी) के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत बेहतरीन कला का प्रदर्शन। इस डांस गु्रप के सभी सदस्य बधिर हैं। इस नृत्य को 'सहस्रबाहूÓ भी कहा जाता है। इस डांस ग्रुप में कुल 104 कलाकार हैं, जो किसी न किसी रूप से विकलांग हैं। शो में कलाकारों ने गीत, संगीत, नाटक और नृत्य से ऐसा समां बांधा कि लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
5 comments:
बिल्कुल सही है। किसी ने कहा भी है कि-
"मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है,
पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है।"
जिन्दगी जिन्दादिली का नाम है!
बेहतर है विपरीत विरस्थितियों से लडऩा और खुद को साबित करना।
-सही कहा!
जिन्हे अवसर मिल जाता है वे विपरीत स्थितियों मे भी कुछ करके दिखा देते हैं ।
ये तो बिच्छू की आकृति है अम्लेंद्र जी .....वाह क्या कमाल किया है .....!!
इस सुंदर प्रस्तुति के लिए शुक्रिया ......!!
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