Wednesday, March 18, 2009

मंदबुद्घि बच्चों के बालों में मिला यूरेनियमजर्मन लैब की रिपोर्ट में खुलासा

क बारूद के ढेर पर बैठी है दुनिया। हम रचने का सामान कम और विनास का सामान ज्यादा तैयार कर रहे हैं। सृजन का दामन छोड़ जब इंसान संहार का दामन थाम ले तो उसके परिणाम घातक हाने ही होने हैं। हिरोसिमा और नागासाकी की विनास लीला भूल अफगानिस्तान में अक्टूबर 2001 से जनवरी 2003 तक 6 हजार से भी ज्यादा बमों व मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। जिसमें प्रयुक्त यूरेनियम की मात्रा 1000 टन तक होने की आशंका है और इसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। इस संबंध में भासकर में छपी एक रिपोर्ट को साभार प्रस्तुत कर रहा हूं। परमजीत सिंह। फरीदकोट जर्मनी की रिसर्च लैब 'माइक्रो ट्रेस मिनरल लेबोरेट्रीÓ ने भारत से जांच के लिए गए सैंपल में से 82 से 87 फीसदी मंदबुद्घि बच्चों में यूरेनियम मौजूद होने की बात कही है। लैब इंचार्ज और वैज्ञानिक डॉ. ब्लॉर्क बुश के इस खुलासे की सूचना फरीदकोट सेंटर ने भारत सर•ार व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली को भेज दी है। बाबा फरीद स्पेशल चिल्ड्रन सेंटर फरीदकोट द्वारा मई 2008 में 149 बच्चों के बाल सैंपल के रूप में जर्मनी भेजे गए थे। इन्हीं की जांच में डिप्लेटेड यूरेनियम मौजूद होने की आशंका जताई गई है। सेंटर में भारत के सभी प्रांतों के अलावा कनाडा, साउथ अफ्रीका सहित आठ मुल्कों के मंदबुद्धि बच्चे रह रहे हैं। सेंटर हेड डॉ. प्रितपाल सिंह ने बताया कि हमने 6 साल पहले यह सेंटर शुरू किया और मंदबुद्धि बच्चों की स्थिति में नेचरोपैथी और न्यूरोथेरेपी के जरिए सुधार लाने की बात कही।

2 comments:

oma sharma said...

bhai,amlenduji, aapki samvedansheelta ka ahsaas hua.yun hi likhte rahiye. shubhkamnayen

रावेंद्रकुमार रवि said...

आपका समर्पण और प्रयास दोनों सराहनीय हैं!