नये साल के शुभ अवसर पर आप तमाम ब्लॉगर भाइयों को शुभकामना। नन्हे पंखों की ओर से आप सबको ढेर सारा प्यार। नए साल के इस पल को जिस तरह मैंने महसूस किया और इसें जिन शब्दों में पिरोया, आपके सामने रख रहा हूं। इसे लिखते हुए मैं अपने वास्तविक मुहिम से हर पल के अहसास को जोडऩा चाहता हूं। नन्हे पंखों के पलपल का जो अहसास है उसकी कुछ छवि शायद आपको इन पंक्तियों में मिले।
पेड़ों के नीचे बैठे पल ,
कुछ सोए से, कुछ संभल-संभल।
कुछ हाथों से यूं फिसल-फिसल,
वो दूर खड़े मुस्काते पल।
कुछ सपनों में, कुछ अपनों में,
कुछ घायल से कतराते पल।
कुछ बिखरे-बिखरे पत्ते से,
कुछ खिलते से, अंकुराते पल।
कुछ पल दो पल में हवा हुए,
बीते जीवन, मुरझाते पल।
कुछ याद रहे, कुछ भूल गए,
कुछ साथ चले हमसाए पल।
ये पल जो पल पल खोते हैं,
हम याद जिन्हें कर रोते हैं,
यूं रात-रात क्यूं जागे पल,
आंखों से कच्चे धागे से,
यूं छलक-छलक छलकाते पल।
लहरों सी ऊबडूब सांस हुूई,
जब जीवन घिरकर फांस हुई,
वो मुश्किल से समझाते पल।
अपनों का कंधा कंधा है,
बाकी तो झूठा फंदा है,
क्यूं झूठे वादे कर-कर के,
यूं लूट गए बलखाते पल।
जो वक्त के तिनके चुन चुनकर,
यंू रखा इक चेहरा बुनकर,
वो कल का चेहरा आज नहीं,
उन्हें ढूंढ़ रहे घबराते पल।
जो कल बीता वो आज नहीं,
जो आज, यूंही ढल जाएगा,
तुम रचते रहना पल-पल कुछ,
तो वक्त संभलता जाएगा,
जीवन एक बहता दरिया है,
बहते रहना सिखलाते पल।
पेड़ों के नीचे बैठे पल ,
कुछ सोए से, कुछ संभल-संभल।
Friday, January 1, 2010
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7 comments:
नए वर्ष में अनूठे जोश के साथ उड़ान भरें नन्हे पंख!
नया वर्ष हो सबको शुभ!
जाओ बीते वर्ष
नए वर्ष की नई सुबह में
महके हृदय तुम्हारा!
सुन्दर रचना लिखी है।बधाई।
नव वर्ष की शुभकामनाएं।
इस नये वर्ष में आप हर्षित रहें,
ख्याति-यश में सदा आप चर्चित रहें।
मन के उपवन में महकें सुगन्धित सुमन,
राष्ट्र के यज्ञ में आप अर्पित रहें।।
kya baat hai...naye saal par sabse achchha tohfa ..........
आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने! इस लाजवाब रचना के लिए बधाई!
ye udaan kabhi kthm na ho..
Parul ze Nanhen pankhon ko hausla dene ke lye Apko dhanyabad.
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