Wednesday, November 18, 2009

नन्हे पंखों संग मुस्कुराया चांद


शब्द बहुत कुछ नहीं करते पर इनका स्पंदन अंतरिक्ष में होता है और उसकी सार्थक प्रतिक्रिया धरती पर भी होती है। सेरिब्रल पाल्सी, प्रिजोरिया, मस्कुलर डिस्ट्रोफी, थेलेसिमिया और ऑटिस्टिक से प्रभावित बच्चों के हक में सार्थक और सकारात्मक शब्दों को अबतक जोड़ता रहा हूं, कॉस्मिक एनर्जी से प्रार्थना करता रहा हूं कि इनके अंदर के पॉजिटिव वाइब्रेशन को अपनी ऊर्जा से सींचो और इन्हें भी फलने फूलने दो। इन में से हरएक बीमारी पर शोध हो रहे हैं। दुआ करता हूं शोध में लगे शोधकर्ताओं को जल्दी सफलता मिले। आज नन्हे पंखों के लिए कुछ गुनगुनाने का मन कर रहा है। मेरा छह वर्षीय बेटा कुशाग्र जो सीपी का मरीज है, गाना सुनने का शौकीन है। उसे थपकी देकर सुलाते, कभी टहलाते कभी बिस्तर पर यूहीं उसके साथ खेलते मैंने गुनबुन कर जो उसे सुनाया आज उनमें से एक-दो नन्हे पंखों के लिए भी परोस रहा हूं। 15 अगस्त को बाबू के साथ टहलते हुए ये अहसास शब्दों में ढल गए ।
चल री खुशी.......
चल री खुशी चल।
नदिया संग कलकल छलछल ।।
चल री खुशी चल।
मेरे मन के सूने आंगन में
कोई फूल खिला चल,
चल री खुशी चल।
बलखाती, लहराती चल
नदिया संग कलकल छलछल ।।
चल री खुशी चल।
तू भूल गई तो रुठे सब,
अपने जितने थे, झूठे सब,
रिश्ते-नाते भूल
चल री खुशी चल।
नदिया संग कलकल छलछल ।।
होठों पर मुस्कान लिए चल,
पल पल मीठी तान लिए चल,
आज नया ये ज्ञान लिए चल,
चल री खुशी चल।
नदिया संग कलकल छलछल ।।

8 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...
This comment has been removed by the author.
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अस्थाना जी!
बहुत सुन्दर लिखा है!
बधाई और धन्यवाद!

vandana gupta said...

waah ..........bahut si sundar likha hai.........ek sakaratmak soch liye.

amlendu asthana said...

Dr. mayank ze pahle ke post me chand ki tasvir nahi thi is karan dobara post dala. khed hai. apsab ka hausla hi hamari punji hai. bandana ji ko bhi thanks.

शरद कोकास said...

बहुत सुन्दर ।

कविता रावत said...

चल री खुशी चल।
मेरे मन के सूने आंगन में
कोई फूल खिला चल,
चल री खुशी चल।
बलखाती, लहराती चल
नदिया संग कलकल छलछल ।।
bahut sundar prastuti or sundar rachna ke liye......

girish pankaj said...

aasthavadi kavita. gahari antarangata se bhari hui hai. badhai

sheopriya said...

bahut khub likha hai apne